पूर्व सांसद आनंद मोहन को जल्दी रिहा करे सरकार, नहीं तो पटना को घेर लेंगे : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी
पूर्व सांसद आनंद मोहन को जल्दी रिहा करे सरकार, नहीं तो पटना को घेर लेंगे : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी
करणी सेना, सरकार को फैसले पलटने और सही काम कराने का रखती है माद्दा
पटना (बिहार) : श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना और क्षत्रिय जन परिषद के राष्ट्रीय चीफ सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने जेल की सलाखों के भीतर कैद पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिए बड़ी हुँकार भरी है। मोबाइल के जरिये हमसे हुई बातचीत में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि बिहार सरकार, पूर्व सांसद आनद मोहन को क्षत्रिय होने की सजा दे रहे हैं। अगर सीएम नीतीश कुमार की नीयत साफ होती, तो श्री मोहन की रिहाई बहुत पहले ही हो जाती। उन्होंने कहा कि करणी सेना, विधानसभा, विधान परिषद, राजभवन सहित पूरे पटना को घेरने और पटना को नजरबंद करने का हौसला और ताकत रखती है। हमारी सीएम नीतीश कुमार से कोई दुश्मनी नहीं है लेकिन पूर्व सांसद आनंद मोहन के मसले पर उनका संगठन, अब किसी भी सूरत में खामोश रहने वाला नहीं है। करणी सेना ने सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण, पद्मावती मूवी, आनंद पाल सिंह के फर्जी एनकाउंटर, महाराष्ट्र में शिवसेना, पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप की सही जीवनी, राकेश राणा की मूँछ सहित कई मामलों में, विभिन्न सरकारों को अपनी ताकत का अहसास कराया है। करणी सेना की वजह से ही, राजस्थान में सत्ता पलटी है। आगामी 29 जनवरी को पटना में आहूत "सिंह गर्जना" रैली में देश भर के कद्दावर ठाकुरों और सर्वसमाज के बड़े नेताओं का जमावाड़ा लगने वाला है। इस रैली में लाखों लोगों के पहुँचने का अनुमान है। इस रैली में हम सरकार को अपनी ताकत का अहसास तो कराएंगे ही लेकिन हम चाहते हैं कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार टेबुल वार्ता के जरिये, आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ कर दें। बिना कसूर के एक तो आनंद मोहन को आजीवन कारावास की सजा करा दी और जब इस चट्टानी ठाकुर ने हँसते-हँसते जेल में अपनी सजा पूरी कर ली तो, अब उन्हें और सताया जा रहा है। यह आईने की तरह साफ है कि नीतीश कुमार को पूर्व सांसद आनंद मोहन से अभी भी डर लगता है। यही नहीं, विभिन्न राजनीतिक पार्टियाँ भी आनंद मोहन की रिहाई के बाद होने वाले नफा-नुकसान का, पहले ही जोड़-घटाव कर रहे हैं। श्री गोगामेड़ी ने कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन भारत के ही नागरिक हैं, उन्हें तालिबानी या पाकिस्तानी समझ कर बिहार सरकार कार्रवाई नहीं करे। अगर, नीतीश कुमार ने पूर्व सांसद आनंद मोहन के लिए अपनी सोच सकारात्मक नहीं की तो, करणी सेना उनकी पार्टी को चलनी बना देगी। सीएम नीतीश कुमार रंजिश की नहीं बल्कि प्रेम की राजनीति सीखें। उम्र के चौथे पड़ाव पर, उन्हें एक साथ कई तरह की फजीहतों को झेलने का अवसर कतई तैयार नहीं करना चाहिए। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना, हर हाल में पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई चाहती है। ऐसा ना हो कि हमें अपनी उंगली टेढ़ी करनी पड़े। सीएम नीतीश कुमार यह याद रखें कि गन से निकली गोली और करणी सेना की बोली, कभी वापिस नहीं होती है।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार सिंह